हजरत संदल शहीद रहमतुल्ला अलैह का 79 उर्स ,सालाना उर्स में अकीदत के साथ की गयी चादरपोशी, शाम को आयोजित किया गया कव्वाली का कार्यक्रम

By: Khabre Aaj Bhi
Mar 29, 2022
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By : तनवीर खान

गाजीपुर : अटवा फतेहपुर ग्रामसभा के कोटे पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजरत संदल शहीद रहमतुल्ला अलैह का उर्स रविवार को पूरे अकीदत के साथ मनाया गया। दिनभर कार्यक्रमों का दौर चलता रहा। इस मुबारक मौके पर क्षेत्रीय लोग ही नहीं, बल्कि जनपद के कोने सहित जिलों व प्रांतों से भी भारी संख्या में जायरीनों की जमात जुटी रही। चेहरे पर नूर और दिल में इंसानियत का पैगाम लिए पहुंचे अकीदतमंदों ने मजार पर सिर झुकाकर पूरे मुल्क के अमन-चैन की दुआएं मांगी। क्या हिन्दू और क्या मुसलमान इस दरबार में पहुंचे लोगों की भीड़ ने इस जनपद की गंगा-जमुनी की तहजीबीयत को मोकाबिल रकता है।


उर्स मुबारक पर बाद नमाज फजर कुरानखानी के बाद गुस्ल मुबारक हुआ। फिर गागर-चादर, कव्वाली के साथ निकाली गयी। इसे पूरे गांव में भ्रमण कराया गया। कव्वाली की आगाज  विजई कव्वाल ने किया। उन्होंने ' पूरा आठवां गांव वलियों का घराना हो गया..' से महफिल गूंज उठा और अपने ख्वाजा को खुशियों का पैगाम दिया। इसके बाद वहां स्थित पांच मजार, जिसमें पहले कोर्ट शहीद दादा पर मगरीब की नमाज जमात के साथ बढ़ी गयी। इसके बाद 'अल्लाह हू अल्लाह' का जिक्र करते हुए चादर हजरत संदल शहीद रहमतुल्लाह अलेह पर चढ़ाया गया। यहां के बाद हजरत सिकंदर बख्त रहतुल्ला अलेह पर फिर हजरत उमर शाह रहमतुल्ला अलेह पर फिर हजरत फतेह शाह रहमतुल्ला अलेह पर और फिर हजरत सैयद आरिफ बाबू ने चादर चढ़ायी। चादरपोशी के बाद मिलाद शरीफ कोट पर खान खा की। रात आठ बजे के बाद से दावत-ए-आम हुए। इसमें सभी धर्मों के लोग हिस्सेदार बने।  अंत में सूफी असगर के सरपरस्ती में मुहम्मद सदरे आलम खान ने सभी के प्रति शुक्रिया अदा की


इनकी रही सराहनीय भूमिका....

गाजीपुर अटवा फतेहपुर में हजरत संदल शहीद रहमतुल्ला अलैह के उर्स मुबारक कार्यक्रम को सफल बनाने में मुहम्मद शाह आलम खान, मुहम्मद मोबीन खान, मुहम्मद मैनुद्दीन खान सहित गांव के ग्राम प्रधान कैलाश यादव, समीउल्ला खान, सिराज सिद्दीकी, शब्बीर खान, रशीद खान, महमूद खान, रसूल सुलेमानी, सुहेल खान, मास्टर अजमत खान, दिलशाद, काजू आदि की भूमिका सराहनीय रही। 

बुजुर्गों ने शहीदों के गांव से है नवाजा

गाजीपुर अटवा फतेहपुर गांव को यहां के बुजुर्ग शहीदों का गांव भी कहते हैं। इस गांव में पांच शहीदों की ऐतिहासिक मजार स्थित है। जो यहां के प्राचीन इतिहास की व्याख्या करती है। इतिहास के पन्नों में इन शहीदों का जिक्र भी किया गया है। इसलिए इस उर्स मुबारक में दूर-दराज से लोग देश व प्रदेश से मुरादों के लिए इस मजार पर चादरपोशी के लिए आते हैं।


Khabre Aaj Bhi

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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