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By :नवनीत मिश्र
संत कबीर नगर : चीन ने लुहुओ काउंटी(कार्दजे) में स्थित भगवान बुद्ध की 99 फीट ऊंची प्रतिमा को तालिबान का अनुसरण करते हुए गत दिनों ध्वस्त करने की कटु निंंदा भारत तिब्बत समन्वय संघ द्वारा की गई है। बीटीएसएस का कहना है कि अब चीन का तिब्बतियों और बौद्ध भिक्षुओं को लेकर घिनौना चेहरा एक बार फिर सामने आया है। सिचुआन प्रांत में चीनी अधिकारी तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं को गिरफ्तार कर रहे हैं और जमकर पिटाई कर रहे हैं। इनको संदेह है कि देश के लुहुओ काउंटी में बुद्ध की 99 फीट ऊंची प्रतिमा ध्वस्त किए जाने के बारे में तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने ही बाहरी लोगों को सूचना दी है। चीन के उक्त कुकृत्य की निन्दा करने वालों में भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय संयोजक हेमेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो०प्रयाग दत्त जुयाल, राष्ट्रीय महामंत्री द्वय अरविंद कुमार केसरी व विजय मान, राष्ट्रीय मंत्री विवेक सोनी, क्षेत्रीय संयोजक रामकुमार सिंह, अरविंद विक्रम चौधरी, शिवेन्द्र विक्रम सिंह आदि लोग शामिल हैं।
* यह है पूरी घटना *
चीन की वामपंथी सरकार ने तिब्बत के ड्रैगो में खाम में बने 99 फीट ऊँची बुद्ध की एक प्रतिमा को ध्वस्त करने के साथ प्रार्थना के लिए 45 पहियों को भी जमींदोज कर दिया। जिसे बने हुए अभी 6 वर्ष ही हुए थे। बौद्धों के पास इसके जरूरी कागज़ात भी थे। इस मूर्ति का ध्वस्तीकरण 12 दिसम्बर 2021 से शुरू हुआ। इसको तोड़ने में 9 दिन लगे। इस घटना की पुष्टि रेडियो फ्री एशिया ने भी की है। उसने इसकी सैटेलाइट तस्वीरों को भी जारी किया है। जिसमें पहले एक बड़े सफेद छाते के नीचे खड़ी सफेद मूर्ति अब मलबा बन चुकी है। मिडिया रिपोर्टस के अनुसार इस मूर्ति का निर्माण स्थानीय तिब्बती समुदाय ने 5 अक्टूबर 2015 को करवाया था। इसमें लगभग $6.3 मिलियन का खर्च आया था। इसके ध्वस्तीकरण को देखने के लिए स्थानीय बौद्धों को मजबूर भी किया गया। चीनी अधिकारियों ने इसकी अधिक ऊँचाई होने का बहाना बनाया था। जबकि इसका निर्माण पूरे कानूनी दायरे में किया गया था।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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