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,10 बारीकियों में जानें कैसे अनाज मंडी में 43 लोगों की हुई मौत
दिल्ली के एक फैक्ट्री में लगी भीषण आग में करीब ४३ लोगों की मौत से देश में मातम का माहौल सा फैल गया है। फैक्ट्री में आने-जाने का एक ही रास्ता एक ही होने की वजह से समय रहते लोग नहीं निकल पाए और दम घुटने से ज्यादातर की मौत हो गई। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी के बीचों बीच स्थित रानी झांसी रोड पर चार मंजिला फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में ४३ श्रमिक मारे गए।
दिल्ली अग्निशमन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि आग लगने की जानकारी सुबह पांच बजकर २२मिनट पर मिली जिसके बाद दमकल की ३० गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि १५० दमकल कर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और ६३ लोगों को इमारत से बाहर निकाला। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में प्रतीत होता है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। दिल्ली के फैक्ट्री में लगी आग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के लिए १०-१० लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने इमारत के मालिक रेहान को गिरफ्तार कर लिया है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिए दिल्ली अग्निकांड की जांच के आदेश, मृतकों के परिजनों को १०-१० लाख देने का ऐलान
दिल्ली सरकार ने रविवार सुबह रानी झांसी रोड के निकट अनाज मंडी में एक चार मंजिला इमारत में भीषण आग लगने से ४३ लोगों की मौत के मामले में जांच के आदेश दे दिया है।
१). दिल्ली की अनाज मंडी में आग की खास बातें ४.३० बजे लगी आग, ४३ की मौत, ५६ को बचाया गया चार मंजिला इमारत में १००-१५०० मजदूर थे, संकरे कमरों में थे कारखाने,आग की जगह धुआं ज्यादा फैला, सोते-सोते मौत के आगोश में चले गए लोग
आने-जाने का एक ही रास्ता, ग्रिल काटकर अंदर घुसी टीम, खिड़कियां थीं बंद, ऑक्सीजन मॉस्क लगा एनडीआरएफ की टीम अंदर तलाशी को पहुंची
प्रभावितों में समस्तीपुर के हरपुर गांव के ३० लोग, एक अग्निशमन कर्मी ने २० लोगों को कंधे पर लादकर अकेले बाहर निकाला
कारण : कैसे लगी आग
संभवत शार्ट सर्किट से लगी आग, संकरी गलियों से बचाव में मुश्किलें ,अंदर से बंद था गेट, प्लास्टिक, पैकेजिंग और प्लास्टिक का सामान था ,एक ही मुख्य द्वार था, खिड़कियां भी बेहद कम और छोटी थी।
२ ) दमकल अधिकारियों ने बताया कि ४३ श्रमिक मारे गए और दो दमकल कर्मी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि इकाइयों के पास दमकल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था। इलाके के तंग होने की वजह से बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है और दमकल कर्मी खिड़कियां काट कर इमारत में दाखिल हुए। इस बीच, बिजली वितरण कंपनी बीवाईपीएल ने दावा किया कि इमारत के भूतल पर लगे मीटर सुरक्षित हैं, जिससे प्रतीत होता है कि आग किसी अन्य कारण की वजह से लगी। वहीं दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा ३०४ (गैरइरादन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
३) दिल्ली सरकार ने आग लगने की घटना में मारे गए लोगों को १०-१० लाख रुपये और झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया। घटनास्थल पर हृदय विदारक दृश्य था। फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों के रिश्तेदार और स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर भाग रहे थे। आग की चपेट में आए लोगों के परेशान परिजन विभिन्न अस्पतालों में अपने संबंधियों को खोज रहे थे।
४) दमकल अधिकारियों ने बताया कि इलाके के संकरा होने के कारण बचाव कार्य को अंजाम देने में दिक्कत आ रही है। जब आग लगी तो कई मजदूर गहरी नींद में थे। इमारत में हवा आने-जाने की उचित व्यवस्था नहीं थी इसलिए कई लोगों की जान दम घुटने से चली गई। सभी झुलसे हुए लोगों और मृतकों को आरएमएल अस्पताल, एलएनजेपी और हिंदू राव अस्पताल ले जाया गया है, जहां लोग अपने रिश्तेदारों को ढूंढने में लगे हैं।
5) बिहार के बेगूसराय के रहने वाले २३ वर्षीय मनोज ने बताया कि उनका १८ साल का भाई इस हैंडबैग बनाने वाली इकाई में काम करता है। उन्होंने कहा, '' मेरे भाई के दोस्त से मुझे जानकारी मिली कि वह इस घटना में झुलस गया है। मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उसे किस अस्पताल में ले जाया गया है।
६) वहीं एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, ''कम से कम इस इकाई में १२-१५ मशीनें लगी हुई हैं। मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि फैक्ट्री मालिक कौन है। व्यक्ति ने कहा, ''मेरे संबंधी मोहम्मद इमरान और इकरमुद्दीन फैक्ट्री के भीतर ही थे और मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि अब वे कहां हैं।
७) उन्होंने बताया कि इस परिसर में कई इकाइयां चल रही हैं। यह इलाका बेहद संकरा है। एलएनजेपी के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर किशोर सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में 34 लोगों को मृत लाया गया था और लोगों के मरने की मुख्य वजह धुएं की चपेट में आकर दम घुटना है। कुछ शव जले हुए थे। उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में लाए गए 15 झुलसे लोगों में से नौ निगरानी में हैं और कई आंशिक रूप से झुलसे हैं। घटना पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं ने दुख जताया है।
८) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, '' दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी क्षेत्र में आग लगने की घटना बेहद भयानक है। मृतकों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के जल्द सेहतमंद होने की कामना करता हूं। उन्होंने लिखा, '' घटनास्थल पर अधिकारी हरसंभव मदद मुहैया करा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने घटना में मारे गए लोगों के परिजन के लिए दो-दो लाख रुपये और झुलसे लोगों को ५०-५० हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
९) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के परिवारों के लिए १०-१० लाख रुपये तथा झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा राशि देने की घोषणा की है।
१०) उत्तर दिल्ली के मेयर अवतार सिंह ने कहा कि उन्होंने नगर निगम आयुक्त से एक टीम का गठन करने, घटनास्थल का दौरा करने और आग लगने के कारण का पता लगाने को कहा है। इससे पहले, दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने जिला मजिस्ट्रेट (मध्य) को जांच करने और सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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