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प्रीतम जे. म्हात्रे द्वारा विकसित सामाजिक प्रतिबद्धता"
पनवेल : अयोध्या में श्री राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर पूरे भारत में दिवाली मनाई गई। जहां श्रीराम के भक्ति गीत और कथाएं हुईं तो कुछ ने जुलूस निकालकर जयकारे और बधाइयां दीं। हर कोई अपने-अपने तरीके से इस त्योहार को मना रहा था.
पनवेल नगर निगम में माननीय विपक्षी दल के नेता श्री प्रीतम जे. म्हात्रे ने हमेशा की तरह अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता निभाई, भगवान राम का वनवास आज पांच सौ वर्षों के बाद समाप्त हुआ, लेकिन आज भी भगवान राम का प्रसाद वृद्धाश्रम में उनके दादा-दादी को भी दिया गया, जो पालन-पोषण के बावजूद बुढ़ापे में अकेले निर्वासित जीवन जी रहे थे। उनके बच्चे उनके अपने पनवेल क्षेत्र में हैं। प्रीतमदादा म्हात्रे और उनके सभी दोस्तों और परिवार ने श्री राम के आशीर्वाद से प्रसव कराया। इस अवसर पर वे स्वयं अन्य मित्रों एवं परिवारजनों के साथ पनवेल क्षेत्र के स्नेह कुंज, शुभम्, साई आश्रय, जनधर्म, करुणेश्वर, वात्सल्य, शिवाश्रय, आधारपुष्प, वर्लेश्वर, बालग्राम एवं कमल अर्णव चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन के अनाथालय एवं वृद्धाश्रम गये। वरिष्ठजनों का आशीर्वाद लिया और प्रसाद दिया। बुजुर्गों से पूछताछ की और उनसे बातचीत की।
भगवान श्री राम के उत्सव को मनाते हुए उनके द्वारा किये गये इस कार्य की हर स्तर पर सराहना हो रही है.प्रीतम म्हात्रे ने बताया कि आश्रम के बुजुर्गों के साथ बिताए कुछ पल मन में एक अलग ही जोश पैदा कर गए। मुझे अपने साथियों के साथ मिलकर यह विचार सूझा कि जो बूढ़े लोग अपने पोते-पोतियों के साथ खेलने की उम्र में वृद्धाश्रम की चारदीवारी में रह रहे हैं, उन्हें उसी त्योहार में शामिल किया जाए, जिस त्योहार पर आज पूरा भारत दिवाली मना रहा है। मुझे ढलती उम्र में उन्हें अपने निर्वासन में अपनापन दिखाने की जरूरत महसूस हुई। युवाओं से अनुरोध है कि वनवास में बुजुर्गों को अकेला छोड़कर घर पर दिवाली न मनाएं।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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