घायल युवक पांच घंटे बेहोश पड़ा रहा सदर अस्पताल में,पुलिस ने नहीं किया परिजनों को सूचित

By: Sivprkash Pandey
Nov 15, 2023
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 घोर लापरवाही उजागर,निजी अस्पताल में चल रहा इलाज

आजमगढ़  गाजीपुर  : आजमगढ रोड स्थित इटवरा  के पास  ११  नवंबर की रात करीब साढ़े साढ़े दस बजे हुए सड़क हादसे में बुरी तरह घायल  युवक   के परिजनों को    करीब पांच घंटे तक पुलिस  और  सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने कोई सूचना  नहीं दी और युवक अस्पताल में बेहोशी की हालत में  पड़ा रहा । जबकि घायल के  पास ड्राइविंग  लाइसेंस और मोटरसाइकिल के कागजात भी थे।

 बता दें कि सिधारी स्थित एसएन  कॉन्वेंट स्कूल के पास रहने वाले अजय उपाध्याय  शनिवार की देर रात मोटर साइकिल से अपने घर  सिधारी  आ रहे थे। इसी दौरान अज्ञात  मोटर साइकिल  ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे  वे बुरी तरह घायल हो गए। इस दुर्घटना की सूचना  तत्काल सिधारी पुलिस को दी गई। कुछ समय बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची  और  घायल युवक को सदर अस्पताल में भर्ती कराया।  इस मामले में पुलिस की  एक बार फिर  घोर लापरवाही सामने आई है।  पुलिस ने घायल को उपचार के लिए  सदर अस्पताल में भर्ती  तो करवाया , लेकिन उसकी पहचान का प्रयास नहीं किया और न उसके परिजनों को सूचित किया।  इसके अलावा ड्यूटी पर  कार्यरत अस्पताल कर्मियों ने भी सूचना देने की फजीहत नहीं उठाई।

होश आने पर भाई को किया फोन

 घायल अजय को जब रात करीब चार बजे होश आया तो  उन्होंने किसी से अपनी मोबाइल से अपने भाई को  इस घटना की सूचना दी। तत्काल अजय का छोटा भाई सदर अस्पताल पहुंचा और देखा तो घायलावस्था में भाई तड़प रहा था और इलाज की कोई  सुचारू व्यवस्था नहीं थी। तत्काल उन्होंने अपने भाई को एक निजी अस्पताल वेदांता में भर्ती कराया , जहां डॉक्टरों ने कहा कि गले के पीछे की नस में खून जम गया है, जिसके कारण हाथ पैर  में ब्लड का दौरा नहीं हो रहा है। डॉक्टरों ने घायल युवक का १३नवंबर की रात को आपरेशन किया  और  युवक का इलाज चल रहा है।

..तो आपरेशन नहीं करना पड़ता

घायल युवक के परिजनों का आरोप है कि  तत्काल सही इलाज किया गया होता तो  ऑपरेशन की नौबत नहीं आई होती । क्योंकि पांच घंटे तक कोई सही इलाज नहीं किया गया और खून जम गया।

 सदर व पीजीआई में, ऑपरेशन  की नहीं सुविधा

डबल  इंजन की सरकार बड़े बड़े दावे कर रही है और आजमगढ़ के किसी सरकारी अस्पताल में ऐसे घायलों के लिए  ऑपरेशन की सुविधा नहीं है। जबकि यहां सदर और पीजीआई सबसे बड़े  अस्पताल हैं। मजबूरन लोग निजी अस्पताल में जा रहे हैं और कर्ज लेकर इलाज करा रहे हैं। 

एसपी से की गई शिकायत

संवाददाता ने इस मामले को लेकर पुलिस कर्मियों की लापरवाही  के बारे में पुलिस अधीक्षक अनुराग  आर्य से संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे बात नहीं हो सकी। फिलहाल उनके पीए  को इसकी सूचना दे  दी गई है और घायल के परिजनों को सूचित न  करने में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर उचित कार्रवाई करने की  मांग की गई है। क्योंकि जीवन मौत का सवाल था।

 पुलिस निरीक्षक  का टोल मटोल जवाब

सिधारी थाने में तैनात पुलिस निरीक्षक योगेंद्र बहादुर सिंह  से जब इस पुलिस की लापरवाही के बारे में रिपोर्टर ने पूछा तो उन्होंने सही जवाब नहीं दिया और इस सूचना की जिम्मेदारी  सदर  अस्पताल  पर डाल दी। 

मामले की होगी जांच

जब इस घटना के बारे में सदर अस्पताल के नोडल अधिकारी तिवारी से  संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है। हालांकि उन्होंने माना कि इसकी तत्काल सूचना परिजनों को देनी चाहिए। क्योंकि इस हालत में एक एक क्षण का महत्व होता है ।सदर अस्पताल  के  प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक एल जे यादव ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और  लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई  होगी।


Sivprkash Pandey

Reporter - Khabre Aaj Bhi

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