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सेवराई : एक ओर जहां सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा रही है वहीं दूसरी ओर ऐसे कई बच्चे हैं जो प्राथमिक शिक्षा से दूर मजदूरी करने पर विवश हैं इसका एक ताजा उदाहरण तहसील क्षेत्र के दिलदारनगर नगर पंचायत से देखने को मिला जहां एक नाबालिक बच्चा नगर पंचायत के द्वारा कराए जा रहे काम में सहभागी दिखा जो कि बाल श्रम कानून के अंतर्गत भी आता है। नगर पंचायत दिलदारनगर गाजीपुर से जहां नगर पंचायत द्वारा सारे नियमो एवं कानून को दरकिनार कर नगर की सफाई कम उम्र के बच्चों से कराया जा रहा है ।
१४ साल से नीचे के बच्चों से काम कराना बाल श्रम कानून के अंतर्गत आता है लेकिन इसका खौफ ना तो चेयरमैन को है और ना ही नगर पंचायत से जुड़े अधिकारियों का सरकार द्वारा बाल श्रम को जड़ से खत्म करने के लिए सन् १९८६ में बाल मजदूर कानून बनाया गया जिसके तहत १४ उम्र से कम आयु के बच्चों से कार्य करवाना दंडनीय अपराध है ।
लेकिन नगर पंचायत दिलदारनगर द्वारा इस आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए कम उम्र के बच्चों से नगर की सफाई व्यवस्था कराया जा रहा है जो कि दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। इस संबंध में जब अधिशाषी अधिकारी दिलदारनगर मनोज पांडेय से बात की गई तो उन्होंने ने बताया कि नगर पंचायत का कार्य वयस्क लोगो से ही कराया जाता है। अगर इस प्रकार की कोई बात है तो जांच करा कर कारवाई की जाएगी।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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