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मुंबई : मराठा आरक्षण के विरोधियों ने आज सुप्रीम कोर्ट में बिल पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की। लेकिन, कोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं दिया मराठा आरक्षण मंत्रिमंडल उप समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने प्रभावी ढंग से अपना बचाव किया। वह आज की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के जवाब में बोल रहे थे। इस मौके पर चव्हाण ने कहा कि राज्य सरकार का बचाव कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने एक प्रभावी तर्क दिया। अधिवक्ताओं का वही समूह जिन्होंने मुंबई उच्च न्यायालय में राज्य सरकार का रक्षात्मक रूप से बचाव किया था और मराठा आरक्षण की वैधता भी सर्वोच्च न्यायालय का बचाव कर रही थी। इसलिए, हम दृढ़ता से मानते हैं कि मराठा आरक्षण सर्वोच्च न्यायालय में भी मान्य होगा।राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण की अदालती लड़ाई के लिए सभी आवश्यक तैयारी कर ली है। समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जाती है। स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए याचिका पर अगली सुनवाई १५ जुलाई को होगी। चव्हाण ने आगे कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम न्यायालय में दृढ़ रहेगी कि मराठा समुदाय का आरक्षण अप्रभावित रहे।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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