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मुंबई तथा संपूर्ण महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मरीजों के लिये १०८ नंबर की एम्बुलेंस प्रदेश भर में काम कर रही है, कोरोना जैसी घातक बीमारी के संक्रमण रोकने लिये देश भर में युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें मुख्यतः डॉक्टर,नर्स, और पुलिस विभाग के अलावा अनेक सामाजिक व प्रशासनिक अधिकारी दिन रात मेहनत कर रहे है। लेकिन १०८ एम्बुलेंस सेवा के चालक और डॉक्टरों के स्वास्थ्य के लिये सुविधा का अभाव है। डॉ. दीपक बागुल ने पवित्र समय को बताया उनको बि.व्हि.जी. इंडिया प्रा.लि.(भारत विकास ग्रूप) से मिलने वाली पीपीई किड्स हैंड ग्लॉज, मास्क अभी तक नही दिया गया। जिसकी वजह से १०८ एम्बुलेंस के डॉक्टर नर्स, व चालक, को कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। जबकि पूरे विश्व में कोरोना वायरस के संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है। मुंबई व पूरे महाराष्ट्र राज्य में कोरोना संक्रमण के रोगियों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। वही राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज के लिये पूरी तरह से तैयारी कर ली।
महाराष्ट्र राज्य स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य में सभी जगह १०८ एम्बुलेंस सेवा को उपलब्ध करवाया है, जैसे मुंबई, पुणे,नागपुर जैसे हर जिलों में १०८ एम्बुलेंस सेवा कोरोना बाधित रोगियों के लिये कार्य कर रही है। उसमें एक डॉक्टर व चालक कार्य कर रहे है, शहर, भाग या ग्रामीण भाग में सभी नागरिकों के जीवन के लिये १०८ एम्बुलेंस जीवनदायी है। इसलिये रोगियों को तुरंत स्वास्थ्य सेवा मिल रही,जिसके लिये रोगियों के अच्छे स्वास्थ्य व समय पर उपचार और दवाखाना में भर्ती करने तक का जिम्मा डॉक्टर और चालक द्वारा किया जा रहा है। लेकिन उनके स्वास्थ्य के लिये पीपीई किट्स हैंड ग्लॉज व मास्क नही मिलना यह अति गम्भीर विषय है।
जबकि महाराष्ट्र शासन कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिये विभिन्न प्रकार से प्रयत्न करने में जुटी हुई है। वही रोगियों को रैफर करने का काम भी एम्बुलेंस द्वारा डॉक्टर व चालक कर रहे है। लेकिन उनको मेडिकल किट्स या उनके बचाव के लिये शौचालय सुविधा ,आवास ई.उपलब्ध नही है। यह १०८ एम्बुलेंस के डॉक्टर व चालक के लिये धोकादायक है,इसलिये महाराष्ट्र शासन को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। १०८ एम्बुलेंस के डॉक्टर व चालक कोरोना संक्रमित रोगियों को सेवा दे रहे है जिससे उनको भी कोरोना संक्रमित होने का भय बना हुआ है। अतः उनके लिये पीपीई किट्स हैड ग्लॉज व मास्क,दिये जाने के लिये १०८ आरोग्य कर्मचारी के अध्यक्ष श्री समीर करबेले जी ने बी.व्ही.जी. इंडिया प्रा.लि.और प्रशासन को उक्त विषय पर ध्यान देने की अपील की। ज्ञात हो कि बी.व्ही. जी कंपनी के पास राज्य भर में ९३७ एम्बुलेंस है, और प्रेत्यक एम्बुलेंस को महाराष्ट्र शासन २ लाख ५२ हजार रुपये प्रति महीना दिया जाता है। लेकिन वर्तमान में बि.व्हि.जी. कंपनी की १०८ एम्बुलेंस में ५०% डॉक्टर कि भर्ती ही नहीं कि है.इसके चलते एम्बुलेन्स मे ५०% डॉक्टर उपलब्ध नही है। जबकि कुछ एम्बुलेंस खराब भी है। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को लिखित शिकायत भी गयी लेकिन प्रशासन ने कोई भी योग्य निर्णय नही लिया।
१०८ एम्बुलेंस के चालक और डॉक्टरों को सुरक्षा देने के लिये पीपीई किट्स हैंड कैप, चेहरा पर लगाने वाला मास्क,सर्जिकल गाउन,डिस्पोजल,इलास्टिक केप,हैंड ग्लॉज पैरों के लिये शु-कव्हर,सेफ्टी ग्लॉज,गॉगल, वेस्टेज बॅग, इत्यादि समानों की आवस्यकता होती है। जिससे पूरे शरीर की सुरक्षा होगी। कोरोना पीड़ित रोगी को मुंबई , महाराष्ट्र में ९०% १०८ एम्बुलेंस के कर्मचारी सेवा देते है लेकिन कंपनी ने ५ प्रतिशत को ही पीपीई किट्स दिया गया है। जबकि पीपीई किट्स की आवश्यकता ज्यादा है। और इसकी मांग की जा रही है। फिर भी बि. व्ही. जी कंपनी ( भारत विकास ग्रूप)और हमारी सरकार हमारी तरफ ध्यान नहीं दे रही है। उपरोक्त बातें समीर करबेले जी १०८ आरोग्य
कर्मचारी और माथाडी कामगार संघर्ष युनियन महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने बतायी।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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