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पुलिस का इन्काउन्टर निकला फर्जी ,50 की संख्या मे लोगो ने आई जी को भेजा पत्रजौनपुर : पुलिस मुठभेड़ में 25 हजार रूपये के इनामी प्रदीप यादव को गिरफ्तार करने का दावा करने वाली पुलिस अपने ही चक्रव्यूह में फंसती नजर आ रही है। दीवानी न्यायालय में सोमवार को पहुंचे आरोपी के गांव के लोग एवं परिजनों ने मुख्यमंत्री व आईजी को 50 की संख्या में गांव वालों ने हस्ताक्षर पत्र भेजकर मुठभेड़ को फर्जी बताया।
बताया जाता है कि प्रदीप के भाई आशीष व गांव वालों द्वारा दरखास्त दी गई है कि 17 नवंबर की दोपहर में लाइन बाजार थाने के दो सिपाही बाइक से प्रदीप के घर आए और उसे जबरन बैठाने लगे जिसका गांव के भोले, कृपाशंकर आदि लोगों ने विरोध किया लेकिन पुलिस वाले प्रदीप को जबरन बाइक से लेकर चले गए। सभी लोग लाइनबाजार पहुंचे लेकिन वहां प्रदीप नहीं मिला। विशाल यादव के मोबाइल से रात आठ बजे मुख्यमंत्री व मानवाधिकार आयोग, डीएम व एसपी को प्रार्थना पत्र लिखकर व्हाट्सएप के जरिए यह सूचना दिया कि पुलिस ने प्रदीप को दिन में उठा लिया और उसके साथ कोई अनहोनी घटना घट सकती है या किसी अपराध में फंसाया जा सकता है। सोमवार को एसपी द्वारा दिए गए बयान की जानकारी सोशल मीडिया से मिली कि एसपी ने कहा कि प्रदीप के पैर में पुलिस मुठभेड़ में गोली लगी है। आरोप है कि पुलिस ने 12:30 बजे रात रसैना मोड़ पर मुठभेड़ की घटना दिखाते हुए उसे फर्जी मुकदमे में फंसा दिया। आशीष ने मुख्यमंत्री व आईजी से मांग किया है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और प्रदीप को गोली मारने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।
Reporter - Khabre Aaj Bhi
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